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1 Jun 2024 · 1 min read

“क्या मझदार क्या किनारा”

“क्या मझदार क्या किनारा”

क्या मझधार क्या किनारा,
यकीं कर खुद पर दूजा न सहारा,
डूबती है कोई कश्ती तब ही,
जब – जब इंसान हिम्मत हारा।

2 Likes · 2 Comments · 126 Views
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