क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
हमको जलजलों के साथ चलने की आदत सी हो गई है
वे सोचते हैं कि टूट कर बिखर जाएंगे हम
शायद वे हमारी फितरत से वाकिफ नहीं है
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
हमको जलजलों के साथ चलने की आदत सी हो गई है
वे सोचते हैं कि टूट कर बिखर जाएंगे हम
शायद वे हमारी फितरत से वाकिफ नहीं है