क्या बनाऊँ आज मैं खाना
क्या बनाऊँ आज मैं खाना,
मन को लगे जो अति सुहाना।
घर में है रखा आलू, बैगन,
गोभी, टमाटर, पालक साग,
संग रखा है कई दाल का दाना,
क्या बनाऊँ आज मैं खाना,
मन को लगे जो अधिक सुहाना।
इच्छा है खा लूॅं भात,
पर सर्दी की आती याद,
रोटी खा खा बीते दिन रात,
भाए अब न ऐसा खाना,
क्या बनाऊँ आज मैं खाना,
मन को लगे जो अधिक सुहाना।
आज तो है छुट्टी का दिन,
बीत रही न घड़ी की सूई टीनटीन,
करो उमा न कोई बहाना,
क्या बनाऊँ आज मैं खाना,
मन को लगे जो अधिक सुहाना।
भूख लगी है ताबड़तोड़,
चाय पी पी कर बीता भोर,
पूछूँ किससे सब निज ओर,
बता यदि है तू मेरा दीवाना,
क्या बनाऊँ आज मैं खाना,
मन को लगे जो अधिक सुहाना।
उमा झा🙏
,