क्या बता रहे हो मुझको
यूं सुकून दिला रहे हो खुदको
अब नीचा दिखा रहे हो मुझको
हां गलती ही तो थी सब तब, और अब
सब गलती गिना रहे हो मुझको
चाहा तुम्हें कितना क्या बताऊं, और
अब तुम क्या बुला रहे हो मुझको
मगर जाना मेरी यूं भूल कर मुझको
अब तुम खुद भुला रहे हो खुदको
देखो हम तुम्हें अपना बताते हैं और
तुम क्या क्या बता रहे हो मुझको
-मोहन