Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2018 · 1 min read

क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ

मिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों
मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है

किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे
जीने का नजरिया फिर उसका बदल जाता है

चेहरे की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है
तन्हाई के आलम में ये अक्सर बदल जाता है

किसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम
जरुरत पर सभी का जब हुलिया बदल जाता है

दिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को
किसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है

क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ
जितना दर्द मिलता है ये उतना संभल जाता है

क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ

मदन मोहन सक्सेना

592 Views

You may also like these posts

भारत जनता उर बसे
भारत जनता उर बसे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Connectivity of a nature is a dexterity of the future.
Connectivity of a nature is a dexterity of the future.
Rj Anand Prajapati
गीत- निग़ाहों से निग़ाहें जब...
गीत- निग़ाहों से निग़ाहें जब...
आर.एस. 'प्रीतम'
घर का
घर का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर 2024 (कुंडलिया)*
*मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर 2024 (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
Shweta Soni
3846.💐 *पूर्णिका* 💐
3846.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*स्वदेशी या विदेशी*
*स्वदेशी या विदेशी*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आत्मा
आत्मा
राधेश्याम "रागी"
सद्गुरु
सद्गुरु
अवध किशोर 'अवधू'
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
Neeraj Agarwal
Beautiful & Bountiful
Beautiful & Bountiful
Shyam Sundar Subramanian
"साइंस ग्रुप के समान"
Dr. Kishan tandon kranti
"अमृत महोत्सव"
राकेश चौरसिया
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एहसास
एहसास
भरत कुमार सोलंकी
मजहब
मजहब
ओनिका सेतिया 'अनु '
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
गिद्ध करते हैं सिद्ध
गिद्ध करते हैं सिद्ध
Anil Kumar Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
** गर्मी है पुरजोर **
** गर्मी है पुरजोर **
surenderpal vaidya
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
वो हमें कब
वो हमें कब
Dr fauzia Naseem shad
आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहे
आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहे
Sanjay ' शून्य'
परखा बहुत गया मुझको
परखा बहुत गया मुझको
शेखर सिंह
सूखी नहर
सूखी नहर
मनोज कर्ण
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सीने में जज्बात
सीने में जज्बात
RAMESH SHARMA
Loading...