क्या गजब बात
क्या गजब बात
जब जब चुनाव आता है, लोगों की भावना बन जाती है हम अपने स्वजातीयों को ही वोट करेंगे, क्योंकि वह जाति भाई है।
लेकिन उस दिन को याद कीजिए जिस दिन आप भुखे थे घर पर चुल्हे नही जला था , किचन की बर्तन रो रहे थे घर पर बच्चे भुखा सो रहे थे ,उस दिन बच्चों को पानी पिलाने कोई स्वजातीय जन एक गिलास पानी पिलाने नहीं आया था बल्कि एक परोसी जो अन्य समाज का है जो मुझे और मेरे बच्चों को भोजन खिलाकर ही संतुष्ट हुआ।
आप अपने घर की चाबी भी स्वयं के बच्चे को नही देते,यदि वह जुआड़ी शराबी रहता है तो, फिर इतने बड़े राज्य या देश की चाबी ऐरे गैरे नत्थू खैरे को चाबी सहजता से कैसे सप देना चाहेंगे, अपना बहुमूल्य वोट उसे दीजिए जो आपका देश,राज्य,घर परिवार की रक्षा कर सके,जो सट्टा खेलाये, शराबी बनाये,ऐसे लोगों से सावधान रहिए आपका एक वोट से हार जीत होकर सरकार ब सकता है।
विनीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ गक