क्यारी
तेरी कोयल जैसी
मधुर आवाज़
गूंज रही है
कानो मे ।
ढूंढ रहे हैं निस दिन
नैना तुझको
बागों और
बहारों मे ।
पता नही तू छुपी कहां है
भटक रहा मन
गलियारो और
मयखानो मे ।
दो पल की ये जीवन क्यारी
उजड़ न जाये
ख्वाबों और
ख्यालों मे ।।
राज विग 26.07.2020.