कौन से ख़्वाब की तक़दीर हो तुम
किसी शायर की तराशी हुई नज़्म हो तुम
विधाता की तराशी हुई सुंदर तस्वीर हो तुम
तुम्हे देखकर ख्वाब भी हकीकत लगता है
ना जाने कौन से ख्वाब की तक़दीर हो तुम।।
?मधुप बैरागी
किसी शायर की तराशी हुई नज़्म हो तुम
विधाता की तराशी हुई सुंदर तस्वीर हो तुम
तुम्हे देखकर ख्वाब भी हकीकत लगता है
ना जाने कौन से ख्वाब की तक़दीर हो तुम।।
?मधुप बैरागी