कौन जिम्मेदार है ? //कविता
देश में व्यापत
पग-पग में समस्याओं के लिए
कौन जिम्मेदार है ?
क्या वाकई में
नज़र नहीं आ रही है ?
हम जिम्मेदार है
या हमारा संविधान ?
कैसी स्वतंत्रता है
जहाँ आज भी
गरीबो, मजदूरों को
मकान तो दूर की बात
रोटी की तलाश में
भटक रहे है दर-बदर,
उस शहर से इस शहर
जिसे हम धरती के
पालनहार कहते है
आज क्यों वहीं किसान
आत्म हत्या करने को बेबस
अस्पृश्यता-उन्मूलन
वाकई में हुआ है ?
हकीकत हमारे सामने है
और हम सब
आंखों में पर्दा लगायें
बैठे हुए है आराम से
आज भी समाज में भेदभाव
किया जाता है
जाति, धर्म, काले, गोरे
जाने कितने कारणों से
ऊँच-नीच की बातें
भ्रष्टाचार, महगाई
दीमक की तरह देश को
खोखला कर रहा है
जहाँ नारी शक्ति की
पूजा होती है
जहाँ नारी देवी कहलाती है
ऐसा क्यों फ़िर भी
समाज में नारी जाति को
हेय दृष्टि से देखते है
खुले आम आबरू लुटे जा रहे है
अक्सर सुनने में आता है
पश्चिमी सभ्यता के चलन से
हम अपनी संस्कृति, सभ्यता
धूमिल कर रहे है
हम इस बात को जानते भी है
क्यों नहीं कहते की
हम जिम्मेदार है !!!
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••
दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”