“कौआ”
“कौआ”
कौआ करते काँव-काँव,
बड़े हैं इसके भाव-ताव।
पेड़ पर बैठे दिख जाते,
गली-गली हर गाँव-गाँव।
होते अति चतुर चालाक,
बड़े ही नखरे बड़े ही दाँव।
“कौआ”
कौआ करते काँव-काँव,
बड़े हैं इसके भाव-ताव।
पेड़ पर बैठे दिख जाते,
गली-गली हर गाँव-गाँव।
होते अति चतुर चालाक,
बड़े ही नखरे बड़े ही दाँव।