कोशिश करने वालों की हार नहीं होती हैं
डॉ अरूण कुमार शास्त्री 💐 एक अबोध बालक💐 अरुण अतृप्त
* कोशिश करने वालों की हार नहीं होती हैं *
सफर इतना तन्हा रहेगा मिरा कब् तलक
न साथी मिलेगा मिरा मुझको जब तलक
नहीं कोई रंजिश है मुझको किसी से
नहीं कोई बंदिश है मुझको कहीं से
रहूँगा अकेला अकेला यहाँ कब् तलक
न साथी मिलेगा मिरा मुझको जब तलक
ये दुनिया है फ़ानी नहीं कोई जानी
अजब है कहानी
ये दुनिया है फ़ानी नहीं कोई जानी
अजब है कहानी
सफर इतना तन्हा रहेगा मिरा कब् तलक
न साथी मिलेगा मिरा मुझको जब तलक
शकल है गी देखो मेरी, नही ऐसी वैसी
हुआ क्या अदायें जो , नहीं शायर जैसी
हुँ गोगल लगा के मैं , जचता, हुँ भाई
किसी स्टार से कम न लगता, हुँ भाई
मिला लो न भाई , किसी से न हुँ कम
मिरि जिन्दगी फिर काहे को हुई हेगी बेदम
सफर इतना तन्हा रहेगा मिरा कब् तलक
न साथी मिलेगा मिरा मुझको जब तलक
तलाश मेरी मुझको मिलेगी है विश्वास पूरा
खुदा साथ् देगा मुझे साथी देगा है विश्वास पूरा
वो सबकी है सुनता वो मेरी सुनेगा
दिया है कटोरा तो भोजन भी देगा
ये दुनिया है फ़ानी नहीं कोई जानी
अजब है कहानी
ये दुनिया है फ़ानी नहीं कोई जानी
अजब है कहानी
नहीं कोई रंजिश है मुझको किसी से
नहीं कोई बंदिश है मुझको कहीं से
रहूँगा अकेला अकेला यहाँ कब् तलक
न साथी मिलेगा मिरा मुझको जब तलक