Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2018 · 1 min read

“कोशिशें नाक़ाम नहीं होती”

1-
समय अनमोल है,व्यर्थ गँवाना नहीं है,
हार से लज्जाना नहीं,जीत आगे इसके।

कमियों को समझो जी,हौंसले से आगेे बढ़ो,
गिरके उठोगे तुम,गीत आगे जिसके।

गिर-गिर परिंदा भी,नभ की उड़ान भरे,
सीख लीजिएगा ज़रा,होश जागें सबके।

कोशिशें नाक़ाम हों न,फल मिलके रहेगा,
बढ़ते रहना तुम,आगे ही खिल-खिलके।

2-
एक ख़ूबी सबको दी,मालिक उस नेक ने,
पहचानें उसे हम,जीवन सफल हो।

असफल हुए तो क्या,हीन भाव नहीं पालें,
कमी पर पाएँ काबू,जीत दूजे पल हो।

एक रास्ता बंद तो क्या,दूसरा खुलेगा फिर,
दुगने जोश से बढ़ें,हासिल मंज़िल हो।

कठिन राहें जितनी,बड़ी हो जीत उतनी,
देर हो अँधेर नहीं,बड़ा सब्र फल हो।

3-
परीक्षाएँ होंगी देना,तू डरना कभी नहीं,
गिरके फिर उठना,थकना कभी नहीं।

लोग कुछ कहें तो क्या,चलते रहना सदा,
मायूस होकर सुन,रुकना कभी नहीं।

मौसम बदलते हैं,सुबह-शाम होती है,
जीवन भी बदलेगा,टूटना कभी नहीं।

अचल कुछ नहीं है,सत्य संसार का है ये,
बस इतना समझो,भूलना कभी नहीं।

4-
शोहरत मिले बड़ी,खुद को न जान बड़ा,
पर्वत से नभ बड़ा,नभ से रब बड़ा।

वश में कर्म हैं तेरे,तू करता चल सदा,
फल मालिक के हाथ,सोचना न ये अड़ा।

हार पर बहाना क्या,सीखना ज़रूरी सुन,
चोटी पर पहुँचेगा, गौर करले खड़ा।

मानव रहना सदा,सब मिले यहाँ पर,
नशीहत दे अपना,दूसरा देगा लड़ा।

?आर.एस.प्रीतम?

231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
पूरी निष्ठा से सदा,
पूरी निष्ठा से सदा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
Sanjay ' शून्य'
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे दिवानों के का
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे दिवानों के का
Sonu sugandh
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
Leena Anand
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
कभी कभी पागल होना भी
कभी कभी पागल होना भी
Vandana maurya
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ...की यादें...।
माँ...की यादें...।
Awadhesh Kumar Singh
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
gurudeenverma198
23/15.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/15.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खामोश कर्म
खामोश कर्म
Sandeep Pande
पति
पति
लक्ष्मी सिंह
"बड़ी चुनौती ये चिन्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
सौंदर्यबोध
सौंदर्यबोध
Prakash Chandra
आम आदमी
आम आदमी
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घबराना हिम्मत को दबाना है।
घबराना हिम्मत को दबाना है।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
(20) सजर #
(20) सजर #
Kishore Nigam
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#गुस्ताख़ी_माफ़
#गुस्ताख़ी_माफ़
*Author प्रणय प्रभात*
रिमझिम बरसो
रिमझिम बरसो
surenderpal vaidya
🔘सुविचार🔘
🔘सुविचार🔘
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
उनकी यादें
उनकी यादें
Ram Krishan Rastogi
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
Shubham Pandey (S P)
*.....उन्मुक्त जीवन......
*.....उन्मुक्त जीवन......
Naushaba Suriya
Loading...