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16 Jan 2022 · 1 min read

कोरोना

कोरोना
००००००००
यह प्रभु की कैसी माया है ?
गया हुआ जो फिर आया है ?1

घूम रहा है लेकर खप्पर।
इसका पेट न भर पाया है ।।2

मुझको तो लगता बहरुपिया ।
इसकी माँ ने क्या खाया है ?3

भूल नहीं फिर करना भाई ,
कितना सबने समझाया है ?4

करनी होगी स्वयं सुरक्षा ।
कोरोना फिर बहराया है ।।5

बली अधिक है ये पहले से ।
रक्त पिपासू भरमाया है ।।6

‘ज्योति’ लड़ेंगे फिर सब मिलकर ।
खोजें किसने पनपाया है ।। 7

महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***

2 Likes · 1 Comment · 399 Views
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