Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2020 · 2 min read

“कोरोना लड़ाई के शूरवीर योद्धा: पुलिस”

कोरोना युद्ध में एक कर्मवीर वंदनीय है,
दिन रात के चक्र में उसकी निष्ठा अतुलनीय है।
अपने श्रम को अनवरत इंसानियत की सेवा में लगाया है,
कोरोना संक्रमण से बचाव की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाया है।
आज जब हर जनमानस सहमा सा है,
तू मानवता की सेवा में सतत अडिग खड़ा सा है।
शहर, गली में फैला सन्नाटा सब कुछ ही तो यहाँ विराम है,
पर तेरे कदमो की गतिशीलता तो निरन्तर अविराम है।
लॉकडाउन के आह्वान को तूने सफल बनाया है,
तब जाके देश कहीं इस विकट परिस्थिती से उबरने को आया है।
कोरोना विषाणु ने चारों तरफ खतरे को पसराया है,
पर तूने निर्भीकता से देश हित मे अपना फर्ज निभाया है।
कोरोना संकट से बचाने के लिए फरिश्ते के रूप में आया है,
कभी सख्ती दिखाकर तो कभी अनुशासन में लाकर हालात को नर्म बनाया है।
प्रबुद्ध वर्ग ने अर्थ से सहयोग देने का तरीका अपनाया है,
पर तूने भी तो देश की खातिर अपनी जान को दांव पर लगाया है।
कोरोना विषाणु की जंग में तूने कितना नुकसान उठाया है,
गले न लगा पाया अपने ही बच्चों को तू जब-जब घर पर आया है।
परिवार से दूर रहकर भी तूने देश सेवा को सर्वोपरि बनाया है,
तेरे इस कर्म के आगे हर भारतवासी ने अपना शीश झुकाया है।
नतमस्तक है ह्रदय से हर भारतवासी जिसने तेरे जैसा शूरवीर पाया है,
मातृभूमि की सेवा में जिसने देश को कोरोना मुक्त करने का बीड़ा उठाया है।
कैसे बयां करूँ तेरी देशभक्ति तूने कैसे हमें बचाया है,
कभी मानवता की सेवा में तू खुद भी तो चपेट में आया है।
कोरोना रूपी अंधकार को मिलकर छांटना है,
तेरे अनुसरण में हम सबको इस कठिन समय को काटना है।
नही भूलेंगे हम तेरी वीरता जब-जब संकट भारत पर आया है,
तूने ही पतवार बनकर नैय्या को पार लगाया है।
कर्तव्य निर्वहन करते हुए कभी पत्थर भी तूने सहजता से खाये है,
देशसेवा के आगे भूख प्यास, सर्दी गर्मी जैसे मनोभाव भी कहाँ तुझे छू पाए है।
अपनी नींद गवांकर तूने हमे चैन से सुलाया है,
तूने तो कर्तव्य पथ की राह में अपना सर्वस्व भुलाया है ।
पत्थर बरसाए गए तुझ पर फिर भी तूने निष्पक्ष अपना फर्ज़ निभाया है,
कई बार तो सड़कों पर, मोहल्लों के चौराहों और अपने बच्चों से दूर बैठकर खाना खाया है।
पुलिस के प्रतिबंध का उद्देश्य जनमानस को सुरक्षित बनाना है,
इसके लिए कभी-कभी डॉट फटकार भी लगाना है।
आहत हुआ होगा तू भी जब-जब तूने डंडे उठाए है,
पर समझेगा वह भी एक दिन जिसने डंडे खाएं है।
पूजेगा उस दिन वह तुझको जब प्राण उसके बच जाएंगे,
और नमन करेगा दिल से तुझको जब सपने उसके साकार हो जाएंगे।
होगी खुशहाली जब चारो ओर तेरा मंगलगान गाया जाना है,
कोरोना युद्ध के शूरवीर तुझे देश का कर्मवीर कहलाना है।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 572 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
Shweta Soni
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
Rj Anand Prajapati
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अदा बोलती है...
अदा बोलती है...
अश्क चिरैयाकोटी
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
हम अपने मुल्क की पहचान को मिटने नहीं देंगे ।
हम अपने मुल्क की पहचान को मिटने नहीं देंगे ।
Phool gufran
4253.💐 *पूर्णिका* 💐
4253.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
"चक्रव्यूह"
Dr. Kishan tandon kranti
काजल की महीन रेखा
काजल की महीन रेखा
Awadhesh Singh
शहर तुम्हारा है  तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
ആരും കാത്തിരിക്കാ
ആരും കാത്തിരിക്കാ
Heera S
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Raju Gajbhiye
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
Sonam Puneet Dubey
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
Neelofar Khan
शाकाहारी बने
शाकाहारी बने
Sanjay ' शून्य'
शेयर बाजार वाला प्यार
शेयर बाजार वाला प्यार
विकास शुक्ल
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पेड़ पौधे और खुशहाली
पेड़ पौधे और खुशहाली
Mahender Singh
🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय*
..........?
..........?
शेखर सिंह
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
कामनाओं का चक्र व्यूह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*संस्कार*
*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
Some people are essential in your life. They bring light .Th
Some people are essential in your life. They bring light .Th
पूर्वार्थ
3) मैं किताब हूँ
3) मैं किताब हूँ
पूनम झा 'प्रथमा'
साक्षात्कार- पीयूष गोयल दर्पण छवि लेखक
साक्षात्कार- पीयूष गोयल दर्पण छवि लेखक
Piyush Goel
Loading...