कोरोना ‘गीत’ तर्ज़- रिमझिम बरसता सावन होगा..
बुझदिल – कोरोना का मर्दन होगा
इकदिन फिर हँसता मनुज मन होगा।
फिर से सुंदर..सपनों का जीवन.. दर्शन होगा..।
इकदिन फिर… ..
घर पर रहकर सामाजिकता दूरी अपनाएंगे
सैनिटाइजेर साबुन से स्वच्छता पूरी अपनाएंगे,
सरकारी निर्देश का सभी पालन होगा,
इक दिन फिर हँसता..
तेरे जुल्मों से सारा ज़हान जब लड़ेगा,
लड़ेगा इन्सान – हिंदुस्तान जब लड़ेगा,
जुल्मों का तेरे अंत दुश्मन होगा।
इक दिन फिर हँसता… ।।
फिर हरा कोरोना भारत महान बन जाएगा,
लाय संजीवनी बूटी हनुमान बन जाएगा।
पोलियो सा नष्ट कोरोना क्रंदन होगा।।
इक दिन फिर हँसता मनुज मन होगा…
प्रस्तुति-कृष्ण कुमार मिश्र