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27 Dec 2020 · 1 min read

कोरोना को मात

कोरोना को मात
~~
रोजी रोटी की तलाश में, दूर दूर तक जाते लोग।
कष्ट सभी सहकर जी लेते, रूखी सूखी खाते लोग।

रोग मुसीबत बनकर आया, घेर लिया सबको मँझधार।
लाईलाज कोरोना जालिम, अपनी जान गँवाते लोग।

घर अपना अच्छा है सबसे, देंगे कोरोना को मात।
रूखी सूखी रोटी खाकर, आशा दीप जलाते लोग।

मास्क लगाना बहुत जरूरी, और फासला रखना बीच।
समझ बूझ का परिचय देते, नियम सभी अपनाते लोग।

घर की याद हमेशा आती, जब भी हो संकट में प्राण।
जन्मभूमि ही गले लगाती, यही समझ तब पाते लोग।

कोरोना का रोग भयावह, सभी जगह है फैला खूब।
लाक डाउन की इस अवधि में, मुश्किल प्राण बचाते लोग।

घर जाना है बहुत जरूरी, साधन जो भी हो उपलब्ध।
मीलों पैदल चलकर भी हैं, भारी कष्ट उठाते लोग।

कठिन बहुत है जीवन यापन, लेकिन समझेगा यह कौन।
अनगिन दुविधा की स्थितियों में, आंसू आज बहाते लोग।

क़ातिल कोरोना का देखो, बढ़ा जा रहा है जब शोर।
गांव और खेती को फिर से, आकर गले लगाते लोग।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
– सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हिमाचल प्रदेश)

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