कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं!
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कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं! विश्व आपदा के समय सभी #चिकित्सक, नर्सेज, सेना, पुलिस, मीडिया कर्मी और सभी स्वयंसेवी वॉलिंटियर्स आप सभी रियल जिंदगी के #नायक हैं। सब जानते हैं पूरा विश्व ठहरा हुआ है, बंद है लेकिन हॉस्पिटल्स हमेशा खुले हैं। चिकित्सक और आप सभी अपनी स्वास्थ्य की चिंता किए बिना, अशोभनीय व्यवहार के बीच, कोरोना वायरस पीड़ित मरीजों की देखभाल बहुत ही मनोयोग से कर रहे हैं। आप सभी के #सम्मान में, हमारा सभी का #धन्यवाद शब्द काफी छोटा है।
इनमें से कई तो अपने घर से दूर, बिना नींद पूरी किए, बिना खाना खाए और ना ही पूरी सतर्कता उपकरण, उसके बावजूद वह हम सब की सेवा में लगे हुए हैं। जहां ना मीडिया पहुंच पाया ना कोई सुविधा, फिर भी अपने कार्य में पूरे मनोयोग से जुटे हुए हैं, और कई तो बीमारी की चपेट में भी आ चुके हैं, लेकिन उफ तक नहीं कर रहे हैं। उनमें से कोई किसी का पिता,भाई, बेटा, दामाद, पति, मां, पत्नी, बहन, बेटी भी होंगे।कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं!
जैसे मैं अपने बच्चों के लिए सोचती हूं,
काश! मैं उन दूसरे सभी
बच्चों के लिए कुछ कर पाती।
और तो कुछ नहीं बस
अपने शब्दों को सारी #दुआओं में गूंथ
पहना देती कोई ताबीज बनाकर।
नहला सकती आशीर्वादों के रंग में,
ताकि कोई भी ताकत
बदरंग ना कर सके तुम्हारे जीवन को।
खींच सकती कोई लकीर,
अभेद्य #सुरक्षाकवच की तरह,
जिसे कोई भेद ना सके।
काश! मैं जानती
गढ़ना शब्दों को, किसी रक्षामंत्र में,
और कर देती स्वाहा
सारी विपत्तियों को किसी हवनकुंड में।
काश! कोई ऐसा हुनर जान पाती
जिससे, उतार दूं उन सब की
नजर, कर दूं टोटका,
जो हैं, घरों से बाहर खतरों के बीच।
ताकि तुम सब निश्चित हो
सो पाते, ले सकते सांस
चैन की, बस यह कर सकती
ताकि #तेरे #मेरे सभी के बच्चे
सुरक्षित हो जाएं,
काश! कोई जादुई छड़ी मिलती
जिसे घुमा, सबसे पहले
कर देती उन सभी बच्चों को सुरक्षित
ताकि आप और मैं
सो सकते सुकून की नींद।
_____मनु वाशिष्ठ