#कुंडलिया//कोरोना का ख़ौफ़
कोरोना के ख़ौफ़ से , डर का है माहौल।
लापरवाही चीन की , विश्व चुकाए मोल।।
विश्व चुकाए मोल , पिशाच सम महामारी।
देती सीधी मौत , दवाएँ भी हैं हारी।
सुन प्रीतम की बात , कीजिए मत कोताही।
संक्रमण बना रोग , जान ले लापरवाही।
कितना है विकराल ये , कोरोना का रोग।
समझ अभी पाए नहीं , अमेरिका के लोग।।
अमेरिका के लोग , विश्व शक्ति के प्रणेता।
उनपर हावी आज , कोरोना ही विजेता।
सुन प्रीतम की बात , बचो बच सकते जितना।
हारेगा दिन एक , हँसे कोरोना कितना।
बाधित सारे काज हैं , आर्थिक मंदी आज।
कोरोना की भेंट में , चढ़े सभी अंदाज़।।
चढ़े सभी अंदाज़ , क्रिया वुहान से चालू।
नहीं जीव का मांस , काश खाते तुम आलू।
सुन प्रीतम की बात , न हिम्मत कोई हारे।
इसकी क्या औक़ात , गए रावण भी मारे।
#आर.एस. ‘प्रीतम’