“कोरोना का बोलबाला “
हर तरफ है कोरोना का बोलबाला,
इसने हर घर में हाहाकार मचा डाला,
नौकरी दफ्तर सब हो गए है बंद,
छूट गया है दोस्तो यारो का संग,
हर कोई लड़ हर है कोरोनाकी जंग,
मु श्किल कर दिया है इसने खाना ,पीना,
हसना ,खेलना और खुशी से जीना,
हर बच्चा घर मै रह कर हो गया है बोर,
हर तरफ है कोरोना का शोर,
हर तरफ है कोरोना का बोलबाला
इसने हर घर मे हाहाकार मचा डाला,
प्रत्येकआदमी इससे हो गया है परेशान,
नारात में चैन ,ना दिन मे आराम,
कोई नही जनता किसने ,किसको कोरोना दे डाला ,
मास्क ,सेनेटाइज़र,सोशल डिस्टेंसींग का प्रयोग
करते -करते निकल गया है दिवाला,
हर देश हो गया है इससे तंग,
कोई नहींरह पा रहा आजादी के संग,
नही जितने देंगे इस कोरोना को हम
आविष्कार होगा वेक्इसिंग का
करेंगे इसको खतम,