कोरोना कथति युद्धं देही!
व्यर्थ न सब व्यथित-व्याकुल,
इस विपदा से हो पड़े।
जो महान थे वो महारथी,
इस महामारी से रो पड़े।।
पर भय न खाया, दुःख भुलाया,,
कदम मिलाकर हो खड़े।
पुनः बहुत बड़े विश्व में,
हम बन चुके सबसे बडे़।।
भारत की रक्षा हेतु मोदी जी ने,
कदम उठाये कड़े से कड़े।
कोरोना कथति युद्धम् देही,,
तो हम भी युद्ध पर ही अडे़।।
युद्ध करना घर पर रहकर,
न लक्ष्मण-रेखा से पग बढे़।।
आओ सभी जन संग हम,
इस कोरोना से जंग लडे़।।
—————————-भविष्य त्रिपाठी
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