कोरोना एक कटु सत्य
कोविड-19 एक वैश्विक आपदा है जिसने संपूर्ण विश्व के लोगों को घरों में बंद कर दिया है।सारा मीडिया जगत ही नहीं बल्कि हर ज़ुबां पर एक ही नाम है कोरोना।कोरोना भय,ख़ोफ़ का दूसरा नाम।आज सारा विश्व दहशत में है।छोटे शिशु से लेकर बुजुर्ग तक इस भंयकर बीमारी से पीड़ित हैं इसीलिए कोरोनो को कम नहीं आंका जा सकता।जहां एक ओर इससे वचाव हेतु बैक्सीन बनाने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी तरफ अब तक इसके लक्षणों तक की सूची निर्धारित नहीं हो सकी है।कोरोना से चिकित्सा जगत ही नहीं साहित्य भी अछूता नहीं रहा।आज सभी पत्र- पत्रिकाओं के आवरण,लेख,काव्य,गद्य,पद्य,
लतीफे और संपादकीय कोरोना से जुड़े है।कोरोना मीडिया व पत्र-पत्रिकाओं का मुख्य विषय बन गया है।
कोविड-19 से जुड़े विशेषज्ञ रात-दिन इसकी दवा खोजने में जुटे हैं पर कोरोना से पीड़ित पॅजिटिव लोगों का आंकडा हर रोज़ बढ़ता ही जा रहा है।लाखों लोग अब तक कारोना से अपनी जान गवां चुके है।
इस बीमारी ने गरीब ही नहीं अमीर को भी और आम आदमी क्या इसने तो बड़े बड़े देशों के महामहीम,मंत्रियों के अलावा चिकित्सा तथा पुलिस व्यवस्था से जुड़े लोगों को नहीं छोड़ा।
हर ओर कोरोना!बस कोरोना!
कोरोना के कारण संपूर्ण जगत की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है।सभी देश आर्थिक मंदी की भयंकर मार से जूझ रहे हैं।पर यह कटु सत्य है इसका मुख्य कारण कोरोना और कोरोना को अधिक न फैलने के लिए हर जगह लाॅकडाऊन है।बाज़ार बंद,यातायात,शिक्षा व्यवस्था व निजी सरकारी कामकाज ठप्प।लगता है देश दस साल पीछे लौट गया हो।सोशल डिस्टैसिंग,मास्क प्रयोग,स्वच्छता व बेहतर इम्युनिटी सिस्टम ही इसे रोकने में अभी तक सबसे अधिक कारगर सिद्ध हुए हैं।किंतु कब तक फिर भी लाखों मौत!
आज हर देश कोरोना को दूर करने की दवाई खोजने का दावा कर रहा है पर सर्वों के अनुसार 2020 में इससे पूर्णतया निजात पाना मुश्किल ही दिख रहा है।
घरबंदी में घर से ऑफिस चल रहे हैं और शिक्षा जगत फिलहाल ऑनलाइन पर निर्भर है।मजदूर वर्ग में तो हाहाकार मचा है इसका कारण लाॅकडाऊन है तभी निर्धन तबका घर प्रस्थान को विवश है।यद्यपि सरकारी तंत्र भोजानादि की व्यवस्था को मुहैया करा रहा है अपितु धन उपार्जन एक विकट समस्या है।
कोराना एक खतरनाक वायरस है जो एक दूसरे से संक्रमित होता है इसी से कोरोना पीड़ितों का आंकडा दिन-प्रतिदिन बढ़ जाता है।भारतवर्ष भी कोरोना से इन दिनों से जूझ रहा है केवल दिल्ली मुंबई में आज तक पचास हज़ार से अधिक संक्रमित हैं और ये आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है।अमेरीका में कोरोना वायरस से मौत का आंकडा अस्सी हज़ार पार कर चुका है।भारत ही नहीं सारे विश्व की रफ़्तार मानो थम गयी हो।कोरोना नित्य एक नये लक्षण के साथ अपने विकराल रूप में आ जाता है तभी नित्य हज़ारों लोगों को अपना ग्रास बना रहा है।
कोरोना से बचने के नये उपचार,तरीके,दवाइयां
व नियमों आदि की सूचनाएं प्रसारित हो रही है पर लाॅकडाऊन और सोशल डिस्टैसिंग ही एकमात्र बचाव है।
इम्यनिटी सिस्टम कोरोना के कहर को सहने का सफल तरीका है।यहां कुछ और नियम दिये जिनसे कोरोना से स्वयं को बचा सकते हैं
सरकारी जांच के अनुसार कोरोना पीड़ित में कुछेक लक्षण देखे गये हैं डिनका ज़िक्र करना यहां मुनासिब होगा।ये लक्षण निम्नलिखित हैं
कोरोना वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करता है. इसके दो मूल लक्षण होते हैं बुख़ार और सूखी खांसी।कई बार इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आती है।
हम आपको यहां बता रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण कैसे फैलता है और इससे बचने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं।
कोरोना के कारण होने वाली खांसी आम खांसी नहीं होती।इस कारण लगातार खांसी हो सकती है।यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं।लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये चिंता की बात हो सकती है।
इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है। व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी भी महसूस हो सकती है।
इसके कारण गले में खराश, सिरदर्द और डाएरिया भी हो सकता है।हाल में आए एक ताज़ा शोध के अनुसार कुछ खाने पर स्वाद महसूस न होना और किसी चीज़ की गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है।
माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है।
कोरोना आज भयाभय स्थिति में है पर फिर भी सभी की आशा इस भयानक रोग से जल्द से जल्द मुक्ति पाना है।नये-नये उपक्रम,तकनीक
व बचाव औषधि का नित् उत्पादन हो रहा है।उम्मीद है कोरोना जल्द ही समाप्त होगा।
मनोज शर्मा
दिल्ली
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