कोई मुझसे पूछे कि मैं कौन हूं ?…
कोई मुझसे पूछे मैं कौन हूं ।
मैं हिंदू भी हूं ,
मैं मुस्लिम भी हूं ,
मैं सिख और ईसाई भी हूं ।
मुझे दिवाली में दिए जलाना और
मिठाई खाना पसंद है ,
तो मुझे क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री सजाना और ,
केक खाना पसंद है ।
ईद में मुझे सेवियां खाना पसंद है तो ,
गुरुपर्व में कड़ा खाना पसंद है ।
अर्थात मैं होली दिवाली ,क्रिसमस, ईद और
गुरुपर्व सब शौक से मनाती हूं।
मेरे लिए मंदिर ,मस्जिद ,गिरजाघर ,
और गुरुद्वारे में भी कोई फर्क नहीं ।
मेरे लिए सभी भगवान के घर हैं ,
जहां बेहिचक कोई भी जा सकता है ,
बस नियत साफ हो और दिल में प्रभु
के प्रति आस्था हो ।
मेरी वेशभूषा में भी भारतीयता है ,
मुझे साड़ी भी पसंद है और सलवार कमीज भी ,
चूड़ीदार और शरारा पसंद है तो गाऊन भी ।
मुझे हिंदी जितनी प्रिय है उतनी उर्दू भी ,
मुझे इंग्लिश भी पसंद और गुरमुखी भी ।
मैं सभी के साहित्य को बड़ी रुचि से पढ़ती हूं।
तभी तो मेरे घर हिंदी रचनाकारों की कृतियां,
उर्दू शायरों की गजलें / नज्में ,पंजाबी कवियत्री
अमृता प्रीतम की रचनाएं पसंद है ।
अंग्रेजी में हाथ कुछ तंग है इसीलिए वो कम ,
पढ़ती हूं।
संगीत की बात करें तो मुझे जितना लता,मुकेश और
किशोर पसंद है बल्कि उससे अधिक रफी पसंद है।
शहनाई बिस्मिल्ला खान की ,और तबला जाकिर
हुसैन का पसंद है ।गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल
बना सदा भारतीय संगीत ।
सारांश यह है की मुझे सभी धर्मों की ,
अच्छी और खूबसूरत बातें पसंद है ।
सबकी सभ्यता ,संस्कृति और तहजीब पसंद है।
मुझे सरसरी तौर पर गंगा जमुनी तहजीब ,
मेरे देश की बहुत पसंद है।
मेरे अंदर पूरा भारत बसता है ,
मैं और कुछ नही ,
मेरा विशेष कुछ कार्य नही ।
मुझे बस इतना कहना है आपसे,
मैं एक भारतीय हूं ,
और मेरी कोशिश अपने प्यारे वतन को ,
जोड़ने की रहती है ।
मेरा एक मात्र सपना है यही ,
हर भारतीय ऐसा ही हो ।
जय हिंद ! जय भारत !