Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2016 · 1 min read

कोई भूखा नहीं होता।

कोई नंगा नहीं होता कोई भूखा नहीं होता।
सियासत ने अगर इस देश को लूटा नहीं होता।।

जरा नजदीक आकर देखिए फिर मान जाओगे।
सियासत में कभी पूरा कोई वादा नहीं होता।।

उठाते आज फन क्यूँ नाग बन गद्दार तुम बोलो।
सपोलों को अगर हमने यहाँ पाला नहीं होता।।

कोई फँसता यहाँ उसके बिछाये जाल में कैसे।
जुबां से वो अगर इतना अधिक मीठा नहीं होता।।

मुहब्बत गर नहीं करता दिले नादान पत्थर से।
किसी की याद में दिन रात मैं रोया नहीं होता।।

प्रदीप कुमार

311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*दिनचर्या*
*दिनचर्या*
Santosh Soni
तन्हा क्रिकेट ग्राउंड में....
तन्हा क्रिकेट ग्राउंड में....
पूर्वार्थ
एतबार
एतबार
Davina Amar Thakral
kavita
kavita
Rambali Mishra
खर्च हो रही है ज़िन्दगी।
खर्च हो रही है ज़िन्दगी।
Taj Mohammad
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मेरे कृष्ण की माय आपर
मेरे कृष्ण की माय आपर
Neeraj Mishra " नीर "
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Manisha Manjari
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
जमाना खराब हैं....
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
Ajit Kumar "Karn"
*मांसाहारी अर्थ है, बनना हिंसक क्रूर (कुंडलिया)*
*मांसाहारी अर्थ है, बनना हिंसक क्रूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बहुत गहरी थी रात
बहुत गहरी थी रात
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हज़ल
हज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
Phool gufran
मातर मड़ई भाई दूज
मातर मड़ई भाई दूज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
विचलित
विचलित
Mamta Rani
इस मौसम की पहली फुहार आई है
इस मौसम की पहली फुहार आई है
Shambhavi Johri
उजाले अपनी आंखों में इस क़दर महफूज़ रखना,
उजाले अपनी आंखों में इस क़दर महफूज़ रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुनो, मैं जा रही हूं
सुनो, मैं जा रही हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
gurudeenverma198
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
"रिश्ते की बुनियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
3035.*पूर्णिका*
3035.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डीएनए की गवाही
डीएनए की गवाही
अभिनव अदम्य
निर्मम बारिश ने किया,
निर्मम बारिश ने किया,
sushil sarna
.......,,
.......,,
शेखर सिंह
Loading...