”कोई बात है क्या”
कविता-25
तुम क्या मैं क्या , हम दोनों एक ही तो हैं
फिर बात ना करने की कोई बात है क्या
रहने दो सब चलो फिर से बात करें।
तुम भी आओ मैं भी आता हूं
दूर रहने की कोई वजह है क्या
चलो फिर से मुलाकात करें।
डूबना एक दूसरे में बाकी है
आंखें ना मिलाने की कोई वजह है क्या
चलो इज़हार -ए-इश्क आंखों से करें।
फांसला जिस्मों में अब तक है
गले ना मिलने की कोई वजह है क्या
चलो दो दिलों की धड़कन एक करें।