कोई उसे भी प्यार का अर्फ सीखा दो/मंदीप
कोई उसे भी प्यार का अर्फ सीखा दो,
मेरे दिल की आवाज उस तक पहुँचा दो।
दे गया सीने में हजारो घाव ,
कोई उस को मेरा एक घाव तो दिखा दो।
उमीद थी उस बेवफा से वफाई की,
कोई उस को वफ़ा का मतलब बता दो।
लिखे जो ख़त उस को मैने,
वो स्याई नही मेरा खून था उसे ये बता दो।
रह नही सका “मंदीप” उस के बिना,
उस की गली से गुजरा मेरा जनाजा दिखा दो।
मंदीपसाई