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13 May 2024 · 1 min read

कैसे निभाऍं उसको, कैसे करें गुज़ारा।

ग़ज़ल- 20

कैसे निभाऍं उसको, कैसे करें गुज़ारा।
जां का हमारी दुश्मन, जाने जिगर हमारा।1

दरिया ए इश्क में हम, कुछ इस तरह से डूबे,
छूटा इधर किनारा, छूटा उधर किनारा।2

जीवन की आंधियों में, बिखरा हमारा सब कुछ,
कभी ‘मै’ ने हमको मारा, कभी ‘मय’ ने हमको मारा।3

कोई नहीं है सुनता, अब दास्तां हमारी,
सबको पुकार हारा, या रब तेरा सहारा।4

किस्मत में जो नहीं था, पाते तो कैसे उसको,
जिस पर मेरी नज़र थी, टूटा वही सितारा।5

हर हाल में ये बाजी, हमको ही जीतना है।
कुछ भी करो नहीं है, ये हार अब गवारा।6

बीती उमर है सारी, पर जो बची खुची है,
चल आंखें चार कर ले, ‘प्रेमी’ गुनाह प्यारा।7

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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