कैसे कह दूँ तु मेरा नही
कैसे कह दूँ तु मेरा नहीं
*******************
कैसे कह दूँ तू मेरा नहीं,
तेरे बिन वजूद मेरा नहीं।
साँसों मे बसे हो कब से,
जान तेरी कहते तब से,
दे दूँ जां कसूर मेरा नहीं।
तेरे बिन वजूद मेरा नहीं।
तुम तो हो गलहार मेरा,
हर जन्म का प्यार मेरा,
बेचैन हूँ सुकून मेरा नहीं।
तेरे बिन वजूद मेरा नहीं।
शोलें प्रेम के बुझते नहीं,
पंछी प्रेम के झुकते नहीं,
वश में फितूर मेरा नहीं।
तेरे बिन वजूद मेरा नहीं।
तू ही तू ही मनसीरत है,
छाई तेरी सूरत सीरत है,
खाली तानूर मेरा नहीं।
तेरे बिन वजूद मेरा नहीं।
कैसे कह दूँ तू मेरा नहीं,
तेरे बिन वजूद मेरा नहीं।
*******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)