कैसे कहूँ… (काव्य संग्रह :- सुलगते आँसू)
तुम ही मेरी चैन हो तुम ही मेरी सकून हो
तुम ही मेरी रूह हो तुम ही मेरी जान हो
तुम ही मेरी धड़कन हो तुम ही मेरी सांस हो
कैसे बताऊँ तुम मेरे लिए क्या हो ??
तुम ही मेरी सुबह हो तुम ही मेरी शाम हो
तुम ही मेरी आज हो तुम ही मेरी कल हो
तुम ही मेरी आगाज हो तुम ही मेरी अंजाम हो
कैसे बताऊँ तुम मेरे लिए क्या हो ??
तुम ही मेरी ताकत हो तुम ही मेरी कमजोरी हो
तुम ही मेरी चाहत हो तुम ही मेरी बंदगी हो
तुम ही मेरी मौत हो तुम ही मेरी ज़िंदगी ही
कैसे बताऊँ तुम मेरे लिए क्या हो ??
तुम ही मेरी बंदगी हो तुम ही मेरी खुदा हो
तुम ही मेरी आखिरत हो तुम ही मेरी दुनिया हो
तुम ही मेरी जिंदगी हो तुम ही मेरी दुआ हो
कैसे बताऊँ तुम मेरे लिए क्या हो ??
तुम ही मेरी ख्वाब हो तुम ही मेरी हक़ीकत हो
तुम ही मेरा कलमा हो तुम ही मेरी आयत हो
तुम ही मेरी चाहत हो तुम ही मेरी मुहब्बत हो
कैसे बताऊँ तुम मेरे लिए क्या हो ??
©ए. आर.साहिल