~~~~~कैसे कटेगे अब बेरोजगारी के ये दिन~~~~~
कैसे कटेगे अब बेरोजगारी के ये दिन ,
जीवन की टुक ,
मन की भूख ,
तन की भूख ,
कहाँ गयी कोयल की कूक !
दिन हूए पल छीन ,
उपहार से ये दिन ,
कैसे कटेगे अब बेरोजगारी के ये दिन !
चरण अविराम के ,
रुक गए कैसे राम के !
सीता सरिखा मन , गये क्योदिन ,
बहार से ये दिन ,
कैसे कटेगे अब बेरोजगारी के ये दिन !
जेठ की तपन ,
मन की अगन ,
तन की जलन ,
लूट गया अगन छुआ गगन !
चली वह पश्चिमी नागिन ,
उजाड़ से ये दिन ,
कैसे कटेगे अब बेरोजगारी के ये दिन !