कैसा नया साल?
नए साल में
नया क्या है
आख़िर फ़र्क
पड़ा क्या है…
(१)
वही ग़म
वही खुशियां
वही देश
वही दुनिया
फ़िर बेवजह
तमाशा क्या है…
(२)
दिन वही है
रात वही
चीज़ वही है
बात वही
अवाम को
मिला क्या है…
(३)
वही लूट है
वही मार
वही चीख है
वही पुकार
तू ही बता
बदला क्या है…
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Shekhar Chandra Mitra
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