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10 Apr 2024 · 1 min read

कैसा जुल्म यह नारी पर

कैसा जुल्म यह नारी पर
चोट कर रहे करारी,
नारी की हर तरक्की पर
रूढ़िवादिता है भारी।

कैसा वो अति अधम पुरुष
जिसने स्तनकर लगाया,
क्या आसमान से टपका था वह
जो माँ की कोख लजाया।

त्रावणकोर के इतिहास को उसने
कलंकित कर दिखाया,
वीरांगना नंगेली ने स्तन काटकर
आईना जिसे दिखाया।

अस्मत लूटने वालों को जिसने
लाइन से गोली मारी,
प्रथम पंक्ति की नारी थी वह
फूलन क्रान्तिकारी।

नारीशक्ति पर आधारित मेरी द्वितीय कृति
एवं प्रकाशित 19वीं कृति :
बराबरी का सफर (काव्य-संग्रह) से,,,,

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 180 Views
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