कैंसा नया जमाना आया, अपना बेटा हुआ पराया
कैंसा नया जमाना आया, अपना बेटा हुआ पराया
ले आया है वह एक मैम, उसको नहीं जरा भी सेम
चड्ढा पहने घूम रही है, सास ससुर को घूर रही है
उनका साथ जरा न भाया, मात पिता को बाहर कराया
कैंसा नया जमाना आया, अपना बेटा हुआ पराया
कुत्ता करता है आराम, मात-पिता का क्या है काम
मां से हो गई है, मां माम, लेती बहू पति का नाम
पिता भी जिंदे डैड हो गए, परिवार हुआ काम तमाम
अब ना कोई भाई भतीजा, काका काकी ताऊ ताया
कैसा नया जमाना आया, अपना बेटा हुआ पराया
नहीं है लाज शर्म अब बैंसी, संस्कार की ऐंसी तैंसी
पर्दा तो अब पिछड़ापन है, घर आई नई दुल्हन ऐंसी
कैसा नया जमाना आया अपना बेटा हुआ पराया
खाना नहीं बनाती है, ऑनलाइन बुलबाती है
पसंद नहीं देशी भोजन, बस चाइनीज ही खाती है
कैंसा नया जमाना आया, अपना बेटा हुआ पराया
बात बात पर गुर्राती है, अंग्रेजी में रौब बताती है
तीज त्यौहार भूल गए हम, लॉन्ग ड्राइव वह जाती है
कैंसा नया जमाना आया, अपना बेटा हुआ पराया
मेरे बेटे का नाम सुरेश है, अब सुस्सू कहलाता है
सुनता नहीं हमारी बो भी, गुस्से में झल्लाता है
बहू के कहने में रहता है, टॉमी से लाड लड़ाता है
एक इशारे पर अब तो, कुत्ते सी पूंछ हिलाता है
कैसा नया जमाना आया, अपना बेटा हुआ पराया