Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2016 · 1 min read

कृष्ण और जीवन

जब जब समाज में क्षय हुआ प्रेम त्याग परोपकार का ,
रखकर अनौखा रूप दुनिया को राह दिखाने आये हो !
तुम ही कान्हा तुम ही राम मुरलीधर तुम ही कहलाये हो!!
कैद कर लिया शक्ति के मद में जब कंस ने अग्रसेन को ,
कांपने लगी थी जब सृष्टि भी तुम ही उद्धार कराये हो !!
भाद्रपद की अष्टमी तिथि को मथुरा में तुम आये हो ,
नाश कर असत्य का,सबको सत्य का पाठ पढाये हो !!
बिता दिया सम्पूर्ण जीवन अन्याय के प्रतिकार में ,
अपने जीवन से इंसानों को न्याय का पाठ पढाये हो !!
अन्याय का विरोध ,प्यार का सही अर्थ समझाए हो ,
गोपियों संग रास रचाना ,मधुबन में गाय चराए हो !!
तुम ही राधा ,तुम ही कृष्णा अद्भुत लीला दिखलाए हो ,
मनोहारी लीला में प्रकृति का सम्मान करना सिखाये हो !!
जब छोड़ दिया अपनों ने साथ देकर सहारा हिम्मत बढाए हो ,
द्रौपदी हो या हो भक्त मीराबाई हर संकट में दौड़े आये हो !!
तुम ही हो सबके पालनहारे ,घर घर में प्रीत जगाये हो ,
आ भी जाओ “ओ मुरलीधर” क्यूँ हमको बिसराए हो !!
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़

Language: Hindi
3 Comments · 625 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुण्डलिया
कुण्डलिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
" काले सफेद की कहानी "
Dr Meenu Poonia
1. चाय
1. चाय
Rajeev Dutta
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
जो घर जारै आपनो
जो घर जारै आपनो
Dr MusafiR BaithA
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
*
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
Shashi kala vyas
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
हरवंश हृदय
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
जहाँ सूर्य की किरण हो वहीं प्रकाश होता है,
Ranjeet kumar patre
*कहते यद्यपि कर-कमल , गेंडे-जैसे हाथ
*कहते यद्यपि कर-कमल , गेंडे-जैसे हाथ
Ravi Prakash
Go to bed smarter than when you woke up — Charlie Munger
Go to bed smarter than when you woke up — Charlie Munger
पूर्वार्थ
When the destination,
When the destination,
Dhriti Mishra
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ #मुक्तक
■ #मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
लड़खाएंगे कदम
लड़खाएंगे कदम
Amit Pandey
मैं मधुर भाषा हिन्दी
मैं मधुर भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
कवि दीपक बवेजा
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
शेखर सिंह
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Finding alternative  is not as difficult as becoming alterna
Finding alternative is not as difficult as becoming alterna
Sakshi Tripathi
पहचान तेरी क्या है
पहचान तेरी क्या है
Dr fauzia Naseem shad
फितरत
फितरत
Awadhesh Kumar Singh
अलमस्त रश्मियां
अलमस्त रश्मियां
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...