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18 Dec 2020 · 1 min read

कुण्डलिया- गैंगरेप

गैंगरेप डरावना लगाते क्यूँ न रोक,
धरती देखो है बनी ज्यूं नरक का लोक।
ज्यूं नरक का लोक अच्छा न लगता अनाज,
बेटी सुरक्षित हों करें सब मिल वो इलाज।
कह अशोक कविराय है देना हस्तक्षेप,
सात पीढी कभी न सोचें भी गैंगरेप।

–अशोक छाबडा

1 Like · 1 Comment · 326 Views
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