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21 Mar 2023 · 1 min read

कुडा/ करकट का संदेश

कुडा/ करकट का संदेश

मत रोको राह मेरा,
मै कुड़ा दान मैं जाऊंगा।
करो सफाई,घर द्वार,
मै रूप बदलकर आऊंगा।।
हाड़ मांस करूं चमड़ी,
किया तुमको अर्पण।
इसके बदले कर दो,
कुडा दान में तर्पण।।
फेंक कर तितर बितर
,मेरा करतें अपमान।
बेरोजगार समझ मुझको,
सुंदर दिया है नाम।।
स्वर्ग सिंहासन चढ़ यहासे,
मोक्षद्वार पर जाऊंगा।
अमुल्यनिधी बनकर,
रूप बदलकर आऊंगा।।
कुडा दान मेरा महल,
कुड़ा दान में जाऊंगा।
वक्त पड़े तुझको,
मैं रूप बदलकर आऊंगा।।
शान सौकत छोड़ यहांसे,
जा रहा हूं परदेश।
ध्यान पूर्वक समझो,
कुड़ा करकट का संदेश।।
किया भलाई कुछ मैं,
बदलें में तुम उपकार किया।
कर भलाई मेरा भी,
कुड़ा दान में संस्कार किया।।
धन्य हुआ इस धरतीपर,
मोक्षगति मैं पाऊंगा।
वक्त मिला सद्गति से तो ,
रूप बदलकर आऊंगा।।
डां विजय कन्नौजे

Language: Hindi
1 Like · 313 Views

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