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15 May 2024 · 1 min read

* कुछ सीख*

“हालात बुरे ही सही
इनको ठीक करना सीख
लोग अजनबी सही
उन्हें अपना बनाना सीख
क्या हुआ अगर
आज लोगों को तेरी कदर नहीं
बेकदर निगाहों को भी
पलकों पर सजाना सीख
जमाना गिराये तो गिराने दे
तू उठ और उठकर चलना सीख
दुनिया तो चाहती है
तू बिखर का टूट जाए
कुछ ऐसा कर चाहे सौ टुकड़े कर दे कोई
फिर भी तू जुड़ना सीख
हालातो की मार जब तक ना पड़े
तब तक इंसान संभालता ही कहाँ है
हजार बार कोई तुझे चाहे नजरों से गिरा दे
मगर खुद ही खुद की नजरों में उठना सीख”

Language: Hindi
57 Views
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