कुछ समझो दिल की बात प्रिय।
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कुछ समझो दिल की बात प्रिय।
कर लो एक मुलाकात प्रिय।
तपती मरू-सी प्यासी मैं,
प्रेम की करो बरसात प्रिय।
दम घुटता है तन्हाई में,
समझो मेरी हालात प्रिय।
अर्धविराम-सी आधी मैं,
तुमसे मेरी औकात प्रिय।
पूनम का चाँद बन आओ,
अमावस की स्याह रात प्रिय।
सीने में जो दब गए हैं,
सुन दर्द-भरे जज्बात प्रिय।
कतरा-कतरा इश्क हूँ मैं,
तुम खुशियों की सौगात प्रिय।
? ? ? – लक्ष्मी सिंह ? ☺