कुछ शेर
कुछ शेर
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हमारे पास है ही क्या सिवा बस इक मौहब्बत के
तुम्हें हम दिल की गहराई से ऐ मालिक ! बुलाते हैं
अगर रस्में निभाने से मेरे सरकार आ जाते
तो ईश्वर को बुलाने की मशीनें लग गई होतीं
कभी दुनिया को बतलाना कि हमने तुमको देखा है
सबूतों के बिना हम इस जमाने को बताऍं क्या
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रचयिता रवि प्रकाश रामपुर