कुछ शेर रफ़ी के नाम
कुछ शेर रफ़ी के नाम –:
१ याद तुम्हारी आती है जब ,पलकें हमारी गीली हो जाती हैं,
नाम भी ले गर कोई तुम्हारा ,तो आहें दर्द भरी निकल आती हैं।
२ , दुआ करते हैं हम खुदा से बस इतनी ,
सूरज घटे-तो घटे ,खत्म न कभी उनकी रौशनी ।
३ , काश ऐ दोस्त ! तेरे जैसे इंसा सारे जहाँ में होते,
तो हमारे लिए यह दुनिया जन्नत से कम न होती।
४, कितनी हसीं है ऐ दोस्त, तेरी तरह तेरी यादें भी ,
जो तन्हाई में हंसाये ,और हसकर रुलाये भी ।
५, तुम गम देकर उम्र भर का ,अपना दामन छुडाकर चले गए,
यही तकदीर रही हमारी,जो तेरी यादों के सहारे जी रहे हैं।