Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2023 · 1 min read

“कुछ रिश्ते”

“कुछ रिश्ते”
कुछ रिश्ते दूरियों में
ओझल हो जाते,
जाने वाले के साथ ही
दूर चले जाते।
कुछ रिश्ते नजदीकियों की
भेंट चढ़ जाते,
कुछ रिश्ते ऐसे भी होते
जो शक से सुन्न हो जाते।

10 Likes · 6 Comments · 429 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

पैसे की क़ीमत.
पैसे की क़ीमत.
Piyush Goel
आँखों में अँधियारा छाया...
आँखों में अँधियारा छाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*हम नाचेंगे*
*हम नाचेंगे*
Rambali Mishra
देखे भी तो कैसे? (कविता)
देखे भी तो कैसे? (कविता)
Indu Singh
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
कलम सी है वो..
कलम सी है वो..
Akash RC Sharma
आओ दिसम्बर को रुखसत करें
आओ दिसम्बर को रुखसत करें
इशरत हिदायत ख़ान
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
Rikvip Garden
Rikvip Garden
rikvipgarden
कुछ तो कर गुजरने का
कुछ तो कर गुजरने का
डॉ. दीपक बवेजा
मेरी कलम कविता
मेरी कलम कविता
OM PRAKASH MEENA
संत की महिमा
संत की महिमा
Buddha Prakash
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
DrLakshman Jha Parimal
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
"सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
सांस के बारे में
सांस के बारे में
Otteri Selvakumar
दोहे
दोहे
manjula chauhan
पंखा
पंखा
देवराज यादव
वांछित व्यवहार एक ऐसा आईना है ,
वांछित व्यवहार एक ऐसा आईना है ,
SATPAL CHAUHAN
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
काग़ज़ो के फूल में ख़ुशबू कहाँ से लाओगे
अंसार एटवी
"आगाज"
ओसमणी साहू 'ओश'
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
*स्वदेशी या विदेशी*
*स्वदेशी या विदेशी*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस एक प्रहार कटु वचन का मन बर्फ हो जाए
बस एक प्रहार कटु वचन का मन बर्फ हो जाए
Atul "Krishn"
कलियुग है
कलियुग है
Sanjay ' शून्य'
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
Rituraj shivem verma
Loading...