कुछ मुख्तलिफ सा लिखूं।
आ बैठ साथ हमदम मेरे पहलू में।
तुझपे मैं कुछ मुख्तलिफ सा लिखूं।।
अल्फाजों से सवारूं तेरे हुस्न को।
तुझको मैं उर्दू के अलिफ सा लिखूं।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
आ बैठ साथ हमदम मेरे पहलू में।
तुझपे मैं कुछ मुख्तलिफ सा लिखूं।।
अल्फाजों से सवारूं तेरे हुस्न को।
तुझको मैं उर्दू के अलिफ सा लिखूं।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️