कुछ मिला है-वैराग्य पथ
साधन पर,
साध्य का महत्व ये,
वैराग्य ही हैं।।1।।
खोज कर तू,
यत्र तत्र सर्वत्र,
प्रभु हर जगह।।2।।
यही आनन्द,
और कहीं नहीं है,
सब व्यर्थ है ।।3।।
क्या मुक्ति यही,
आत्मा परमात्मा मिले,
सद्य मुक्ति है ।।4।।
ज्ञान क्या यही,
आत्मा से परमात्मा
को जान लेना ।।5।।
परमात्मा क्या,
जिसे जानकर न,
जान पाना है ।।6।।
तृप्ति हुई है,
नहीं कभी नहीं ये,
यही परमानन्द ।।7।।
भजन क्या है,
सर्वदा चिंतन करें,
प्रतिक्षण हाँ ।।8।।
धैर्य क्या है,
लक्ष्य को साधना,
साहस संग।।9।।
कुछ मिला है,
बुद्धि विवेक ज्ञान,
वैराग्य पथ।।10।।
@अभिषेक पाराशर