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11 Feb 2022 · 1 min read

कुछ भी तो इस जहाँ में

सत्य और असत्य का अन्तर नहीं रहा।
ईश्वर में आस्था का भी प्रश्न नहीं रहा।।
कुछ भी तो इस जहाँ में स्थिर नहीं रहा।
तू-तू, मैं-मैं के बीच में अब हम नहीं रहा।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
9 Likes · 1 Comment · 163 Views
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