एक पुराना दोस्त
याद करना पुराने दोस्तों को
और खोते जाना
एक खयाली दुनिया मे
हवाओं से शब्द लेना
और बुनते जाने आसमाँ को
याद करना उन्हे
जिन्हे कि कभी भुलाया ही नहीं
स्वप्न की तरह जगना
और फिर उठ चलना
जीवन की खोयी रातों मे कहीं
याद करना मूर्खो जैसे
कुछ वो सवाल जवाब सभी के
कोई जिद पूरी करनी हो जैसे
समुंदर से बिना पूंछे ही
भरनी हो खाली जेबें मोती से
हाँ ! याद करना तुम्हें
और सोचते रहना की काश
जो जो छिपाया था इस दरमियाँ
आए कभी और पुंछ ले कोई
बिखर जाए सारी खामोशियाँ।
.
©- सत्येंद्र कुमार