कुछ पल
मन ही मन को कह रहा देखो भाई
बनी के सब साथी,बिगडे का न कोई
कहती थी ऐसा मेरी कस्तूरी ताई,
आज उनकी बात,बड़ी मन भाई.
खेल भी देखा देखे मैदान और खिलाडी
एक बात सब में साधारण पीच बनी अनाडी
मेहनती हम भारत वासी भागते भरे मैदान
फिल्डिंग तो वो भली शॉट सुनाई पड़े कान