कुछ नहीं
ना-रसा बेमज़ा हम-ज़बाँ कुछ नहीं
जाम है शाम है माजरा कुछ नहीं
बेसबब बेबसी नाज़ में किस लिए
आबरू मुश्कबू ओ कजा कुछ नहीं
आरज़ी रास्त का कूकरम हर तरफ
ख़ैर ये सच खुदा वाकिया कुछ नहीं
आब है जान हर नीमजाँ आह की
छोड़ वो नस्तरन पूछना कुछ नहीं
दीदनी रोज गुलफ़ाम रु पर कुनू
आरज़ू अंजुमन से नफ़ा कुछ नहीं