कुछ दुआ की जाए।
चलो उसके लिए कुछ दुआ की जाए।
शायद यूँ ही उसको शिफ़ा मिल जाए।।
हो गया है वो बड़ा ही परेशान गमों से।
जाने इन्ही दुआओं से अच्छा हो जाए।।
उसके जख्म दिखते है यूँ ज़िन्दगी के।
चलो उसके जख्मों को सिला ही जाए।।
थोड़ा थोड़ा ही लेते है उसके गम को।
शायद यूँ ही गरीब का भला हो जाए।।
हर वक्त पड़ी है लड़की की शादी की।
कुछ पैसे देदो बेटी का रोका हो जाये।।
उसकी ये ज़िन्दगी है बहुत ही मायूस।
चलो उसकी ये मायूसी विदा की जाए।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ