कुछ तो है
कुछ तो है,
जो सेवक को लेखक बना दिया।
एक गूंगे को गायक बना दिया।।
कुछ तो है ,
जो बुद्धू को बुद्धिमान बना दिया।
शक्तिहीन को शक्तिमान बना दिया।।
कुछ तो है,
जो वीरों को कुर्बान बना दिया।
भारत से ही पाकिस्तान बना दिया।।
कुछ तो है ,
जो इंसान को शैतान बना दिया।
बादशाह को गुलाम बना दिया।।
कुछ तो है,
जो झूठे को पहलवान बना दिया।
सच्चे को बेईमान बना दिया।।
कुछ तो है,
जो दीर्घ को दरबान बना दिया।
तुच्छ को महान बना दिया।।
कुछ तो है,
जो जड़ को चेतन बना दिया।
भिखारी को वेतन दिला दिया।।
कुछ तो है,
जो कलम के बदले मोबाइल में भटका दिया।
भटके को सही रास्ता दिखा दिया।।
कुछ तो है,
जो हकदार को अयोग्य बना दिया।
अयोग्य को हक दिला दिया।।
कुछ तो है,
जो भाग्यशाली को रुला दिया।।
अभागे के भाग्य को जगा दिया।।
कुछ तो है,
जो भटके को रास्ता दिखा दिया।
पथिक को रास्ते से भटका दिया।।
कुछ तो है,
जो पड़ोसियों के अरमान जगा दिया।
भाई को ही मेहमान बना दिया।।
कुछ तो है,
हां कुछ तो है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
संपर्क= 8936068909