कुछ करो तुम कुछ करो
कुछ करो तुम कुछ करो,
जीवन पथ पर सदा आगे
तुम बढ़ो।
सिख ले लो झरने से,
क्या जाता ये करने से।
राहों में आये अगर रुकावट,
पथ बदल ले अपना झटपट।
पर आगे बढ़ते जाना तू,
कभी नहीं घबराना तू।
तूफ़ानों से लड़ना सीखो,
नहीं किसी से डरना सीखो।
राहों में कांटे पाओगे,
पर पार अगर हो जाओगे।
सच कहती हूं सारी दुनिया का,
प्यार तुम ही पाओगे।
वीरों का तुम वीर बनोगे,
शूरवीर कहलाओगे।
तुम शूरवीर कहलाओगे।।
***** श्वेता आनंद ******