Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

कुछ अधूरी कुछ अनसुलझी राहों में

कुछ अधूरी कुछ अनसुलझी राहों में
जिंदगी यूंही बीती चली जा रही थी
तेरी पुकार सुन मैं तेरी ओर आने लगा
मुझे कहां पता था तुम्हीं मेरी मंज़िल हो

Language: Hindi
Tag: शेर
76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Ram Krishan Rastogi
``बचपन```*
``बचपन```*
Naushaba Suriya
खतरनाक होता है
खतरनाक होता है
Kavi praveen charan
टूटे न जब तक
टूटे न जब तक
Dr fauzia Naseem shad
"भुला ना सके"
Dr. Kishan tandon kranti
(15)
(15) " वित्तं शरणं " भज ले भैया !
Kishore Nigam
बाबागिरी
बाबागिरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2575.पूर्णिका
2575.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
*कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】*
*कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
😊 लघु कथा :--
😊 लघु कथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
बचपन में थे सवा शेर जो
बचपन में थे सवा शेर जो
VINOD CHAUHAN
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
बेरुखी इख्तियार करते हो
बेरुखी इख्तियार करते हो
shabina. Naaz
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना ,  किसी को नुकसान पह
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना , किसी को नुकसान पह
Seema Verma
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
Rj Anand Prajapati
तेरी हर अदा निराली है
तेरी हर अदा निराली है
नूरफातिमा खातून नूरी
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
" तिलिस्मी जादूगर "
Dr Meenu Poonia
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
Aish Sirmour
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
आशा शैली
चुका न पाएगा कभी,
चुका न पाएगा कभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुक्तक
मुक्तक
Rajesh Tiwari
तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात
तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात
gurudeenverma198
Loading...